दिल्ली पुलिस को तीन अप्रैल तक मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। मामला 9 फरवरी, 2016 को जेएनयू कैंपस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अरिर्बान भट्टाचार्य समेत दस लोगों पर देश विरोधी नारे लगाने से जुड़ा है। इसके बाद उन पर दिल्ली पुलिस ने देशद्रोह का मामला दर्ज किया था।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कन्हैया कुमार व अन्य आरोपियों पर देशद्रोह समेत 8 धाराएं लगाकर आरोप पत्र दाखिल किया था। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने कन्हैया कुमार समेत अन्य आरोपियों पर मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है। इसकी जानकारी दिल्ली पुलिस व अदालत को दे दी गई है। दिल्ली चुनाव में भी उठा था मसला
विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा ने इस मसले को जोर-शोर से उठाया था। भाजपा नेताओं ने कन्हैया कुमार को बचाने का आरोप दिल्ली सरकार पर लगाया था। वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना था कि इस पर फैसला दिल्ली सरकार के गृह विभाग को करना है। इसमें उनका कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं है।
पुलिस ने सीसीटीव व मोबाइल फुटेज को बनाया है आधार
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जेएनयू परिसर मे लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज जुटाए थे। साथ ही कार्यक्रम में मौजूद लोगों की तरफ से मोबाइल से की गई वीडियो रिकार्डिंग समेत दूसरे दस्तावेजों की जांच की थी। इन सबूतों के आधार पर पुलिस ने आरोप पत्र तैयार किया था। वसंत कुंज थाना पुलिस ने 11 फरवरी 2016 को भाजपा के तत्कालीन सांसद महेश गिरी व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की शिकायत पर मामला दर्ज किया था।
दिल्ली पुलिस के आरोप
-देशद्रोह
-आपराधिक साजिश
-दंगा फैलाने के लिए सजा
-चोट पहुंचाना
-जालसाजी
-असली की जगह नकली दस्तावेज व इलेक्ट्रोनिक रिकार्डिंग का इस्तेमाल
-गैर कानूनी तरीके से एकत्र समूह का सदस्य होना
मामले के आरोपी
तीन मुख्य आरोपी: कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य
अन्य: कश्मीरी छात्र आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रुइआ रसोल, बशीर भट एवं बशारत का नाम शामिल।